नमस्कार मित्रो सक्सेस न्यूज़ में आप सभी का स्वागत है आज में आप लोगो के लिए युवराज सिंह से जुड़ी कुछ जानकारी लेके आया हु कैसे एक छोटा सा बच्चा एक दिन क्रिकेट में अपना छाप छोर गया।
नाम - युवराज सिंह
पिता का नाम - योगराज सिंह
माता का नाम - शबनम सिंह
भाई - जोरावर सिंह
पत्नी - हेजल सिंह
जन्म - 12 दिसंबर 1981, चंडीगड़
वन डे पर्दापण - 2000, केन्या
युवराज सिंह जिन्हे लोग युवी के नाम से भी जानते है उनके क्रिकेट खेलने का अंदाज़ सभी को पसंद है युवराज सिंह दुनिया के एकलौते बल्लेबाज है जिन्होंने 20 20 में 6 बॉल पे 6 छक्का मरने का रिकॉर्ड है वो भी वर्ल्ड कप 2007 में, कैसे कोई उस दिन को भूल सकता है आज पूरा देश उनसे प्यार करता है युवराज ऐसे बल्लेबाज़ है जो अकेला दम पे मैच जिताने का काबिलियत रखते है युवराज सिंह बाये हाथ के बल्लेबाज है और बॉलिंग भी कर लेते हैं। युवराज सिंह को सन 2012 में अर्जुन अवार्ड से भी नबाजा जा चूका है साथ ही 2014 में पद्म श्री भी मिल चूका है युवराज सिंह अपने जिंदगी में काफी उतार चढ़ाव का सामना कर चुके है लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारे। युवराज सिंह का जन्म चंडीगढ़ के एक पंजाबी परिवार में हुआ था उनके पिता योगराज सिंह पूर्व भारतीय क्रिकेटर रह चुके है साथ ही साथ वह पंजाबी फिल्मो में भी काम कर चुके है। बचपन में युवराज सिंह को रोलर स्केटिंग में काफी रूचि थी उन्होंने अंडर रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप भी जीत चुके है उनके उनके पिता युवराज सिंह को क्रिकेटर बनाना चाहते थे लेकिन युवराज सिंह स्केटिंग खेलना पसंद करते थे उनके पिता उन्हें फ़ास्ट बॉलर बनाना चाहते थे युवराज सिंह dav पब्लिक स्कूल चंडीगढ़ में पढ़ते थे युवराज सिंह बचपन में 2 फिल्मो में भी काम कर चुके है। उनके माता पिता का तलाक हो जाने के बाद युवराज सिंह अपने माँ के साथ रहने लगे।
युवराज सिंह अंडर 19 वर्ल्ड कप 2000 में प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट का ख़िताब भी जीत चुके है अंडर 19 किकेट वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें टीम इंडिया में जगह मिल गया और उन्होंने अपना पहला मैच केन्या के खिलाफ खेला युवराज सिंह के लिए सबसे अच्छा मैच जुलाई 2002 में गुजरा था जब इंग्लैंड के खिलाफ खेले थे. उस समय नेटवेस्ट सीरीज़ चल रहा था और भारत और इंग्लैंड के बिच फाइनल मैच हो रहा था जिसमे इंग्लैंड पहले बल्लेबाजी करते हुए 324 रन 5 विकेट के नुकसान पे बनाये थे उस समाय भारत की अच्छी सुरुवात होने के वाबजूद 135 रन पे 5 विकेट भारत का गिर चूका था उसके बाद मुहम्मद कैफ और युवराज सिंह मिल के भारत को जीत दिलाये। युवराज सिंह का पहला शतक बांग्लादेश के खिलाफ सन 2003 में और आगे चल के ऐसे ही अनेको उप्लभ्धिया हासिल करते चले गए और 2007 वर्ल्ड कप में उन्होंने वो कर दिखाया जिसका किसी को अंदाजा भी नहीं था स्टुअर्ट ब्रॉड के बाल पे 6 बाल पे 6 चक्का और उसके बाद कभी पीछे मुर के देखे ही नहीं,
2011 वर्ल्ड कप में उन्हें बेहतरीन प्रदर्सन के लिए प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट के रूप में चुना गया 2011 वर्ल्ड कप के बाद उनको कैंसर जैसे भयंकर बीमारी का सामना करना पारा लेकिन कहते है न सच्चा फाइटर कभी हार नहीं मानता,चाहे वो मैदान हो या जिंदगी सभी जगह जीत हासिल करता है जिंदगी के सफर में भी वो जीत हासिल किये और उन्होंने कैंसर जैसी भयंकर बीमारी को भी मात दे दिए।
2011 वर्ल्ड कप में उन्हें बेहतरीन प्रदर्सन के लिए प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट के रूप में चुना गया 2011 वर्ल्ड कप के बाद उनको कैंसर जैसे भयंकर बीमारी का सामना करना पारा लेकिन कहते है न सच्चा फाइटर कभी हार नहीं मानता,चाहे वो मैदान हो या जिंदगी सभी जगह जीत हासिल करता है जिंदगी के सफर में भी वो जीत हासिल किये और उन्होंने कैंसर जैसी भयंकर बीमारी को भी मात दे दिए।
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